तनाव (Stress)

तनाव (Stress)


आज तनाव (Stress) हमारी ज़िन्दगी का एक बड़ा हिस्सा बन चुका है। हर इंसान अपने हालात (Situation) के हिसाब से स्ट्रेस मे है। जिसकी वजह से वह धीरे धीरे अनेक बीमारियों से घिर जाता है और उसे इस बात का अहसास भी नहीं होता। डॉक्टर्स के हिसाब से इन बीमारियों का सबसे बड़ा कारण (Reason) है - "गंभीरता"। इससे उनका मतलब ये है के लोग हर बात या चिज़ को ज़रूरत से ज्यादा गंभीरता से लेते है, जिससे उनपे इतना दबाव (Pressure) बनता है की कोई भी साधारण सी बात बहुत बड़ी लगती है और इसके चलते वह मानसिक रूप से तनावपूर्ण (Stressful) हो जाते हैं।


जब हम कोई कार्य (Task) शुरु करते हैं तो हमारी यही कोशिश होती है कि उसे पूरा (Complete) करें। और उसे करने में कभी - कभी ऐसे हालात (Situation) भी आतें है कि एक समय पे हम उसमें उलझ से जाते हैं। ऐसे समय पे हमारा स्ट्रेस लेवल बढ़ना शुरू हो जाता है। तब हमें अपने आपको शांत (Calm) रखने कि ज़रूरत है। अपने आपको समय दें। जब कोई कार्य, हमारी हल करने की शक्ति से परे हो तो हमें उसे छोड़ देना चाहिए। हमेशा के लिए नहीं बल्कि कुछ समय के लिए उसे जाने देना चाहिए। हालांकि ये इतना आसान नहीं है जितना कहना, लेकिन फिर भी उस कार्य को कुछ समय के लिए अपने हाथों से छोड़ देना चाहिए।

तनाव से ग्रसित लोगों को होने वाली बीमारियों में - डिप्रेशन, चिंता (Anxiety), स्वभाव परिवर्तन (Mood Swing), माइग्रेन, नींद न आना (Insomnia), बालों का झड़ना (Hair Fall), वज़न का बड़ना (Obesity) शामिल हैं।

यदि आप इनमें से किसी भी लक्षण से प्रभावित है तो आपको अपने डॉक्टर की सलाह लेने की आवश्यकता है।

इससे पहले की आप अपने डॉक्टर की सलाह (Consultation) लें की क्या सही है और क्या करना चाहिए, आइए कुछ प्राकृतिक विकल्पों (Natural Remedies) पर विचार करें।


हंसी स्ट्रेस को कम करने का सबसे बड़ा कारक (Factor) है। जब हम हंसते हैं तो मस्तिष्क (Brain) में रक्त का प्रवाह (Blood Flow) बढ़ जाता है और एंडोर्फिन (Andorphin वह हार्मोन है जो हमें सकारात्मक भावना - Positive Thinking देता है) जारी होता है और तनाव के स्तर में तेज़ी से गिरावट आती है। इस तरह हम हंसी को अपनी ज़िन्दगी का हिस्सा बनाकर टेंशन मुक्त (Free) हो सकते हैं या ये कहना ज़्यादा उचित होगा कि टेंशन के लेवल को एक हद तक कम कर सकते हैं।


इसके लिए हमे अपने आप को अधिक मिलनसार और हंसमुख बनाना होगा क्योंकि तनाव हमें खुद को पीछे छोड़ने और अलग करने के लिए कहता है। और हम उस वक्त अपने अन्दर नकारात्मक भावों (Negative Emotion) को पनपने का मौका देते है जिससे हमारे अंदर तनाव का भाव बड़ता है। अपने मन में नकारात्मक सोच को आने का मौका ही न दें। जब आप अधिकतम तनाव महसूस करते हैं, तो एक दोस्त को फोन करें या अपने आप को बच्चों के बीच रखें। हर किसी के पास अपनी चिंताओं को भूलने का एक तरीका होता है हमें उसे ढूंढना है और अपने आप को टेंशन फ्री करना है। स्वयंसेवी कार्य (volenteer work) कार्य एक अच्छा तनाव-बूस्टर है


स्ट्रेस हमारी नींद को बहुत ज़्यादा प्रभावित (Effect) करता है और हम उस वक़्त इससे निकलने का उपाय (Solution) ढूंढने केेे बजाये हम अपनी नकारात्मक सोचों मे अपने आप को व्यस्त (Busy) रखते हैं। 

इससे बचने के लिए बिस्तर पे जाने से पहले अपने मन को शांत (Calm) करें, गर्म पानी से स्नान लें, मधुर संगीत (Soft Music) सुनें, बेडरूम कि लाइट डिम रखें, खुद से सकारात्मक (Positive) बातें करें, अपने आप पे विश्वाश रखें, बिस्तर पे जाएं लंबी सांस लें और खुद को सकारात्मक भाव (Positive Thinking) के साथ रेस्ट दें। ऐसा करने से आप स्ट्रेस फ्री मेहसूस करेंगे और नेगेटिव थिंकिंग से अपने आप को दूर रख पाएंगे।


इसके अलावा, उन परेशानियों और समस्याओं को लिखें जो आपको डिस्टर्ब करते हैं। एक पेज पे दो कॉलम बनाएं: एक पे लिखें "चिंता में मैं कुछ कर सकता हूं" और दूसरे पे "चिंता में मैं कुछ भी नहीं कर सकता हूं"। अपने नोट्स लिखने और उन्हें पढ़ने से हमारे विचारों (Thinking) को एक नई दिशा मिलती है। आप उन चीज़ों को स्वीकार करना शुरू कर सकते हैं जिन्हें आप बदल नहीं सकते हैं, और उन चीज़ों का हल ढूंढ सकते हैं जो आप कर सकते हैं

- Sadia Anis

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